श्री रामदेव जी की आरती


पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया ।
घर अजमल अवतार लियो ।
लाछां सुगणा करे थारी आरती ।

हरजी भाटी चंवर ढोले ।
गंगा जमुना बहे सरस्वती ।
रामदेव बाबो स्नान करे ।
लाछां सुगणा करे...

घिरत मिठाई बाबा चढे थारे चूरमो ।
धूपारी महकार पङे ।
लाछां सुगणा करे...

ढोल नगाङा बाबा नोबत बाजे ।
झालर री झणकार पङे ।
लाछां सुगणा करे...

दूर-दूर सूं आवे थारे जातरो ।
दरगा आगे बाबा नीवण करे ।
लाछां सुगणा करे...

हरी सरणे भाटी हरजी बोले ।
नवों रे खण्डों मे निसान घुरे ।
लाछां सुगणा करे...

जै बाबा रामदेव्


श्री बाबा रामदेवजी की आरती


जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला ।।
भक्‍त काज कलयुग में लीनो अवतारा, जय अजमल लाल ।। (1)
अश्‍वनकी अवसारी शोभीत केशरीया जामा ।
शीस तुर्रा हद शोभीत हाथ लीया भाला ।। जय (2)
डुब्‍त जहाज तीराई भैरव दैत्‍य मारा ।
कृष्‍णकला भयभजन राम रूणेचा वाला ।। जय (3)
अंधन को प्रभु नेत्र देत है सु संपती माया ।
कानन कुंडल झील मील गल पुष्‍पनमाल ।। जय (4)
कोढी जय करूणा कर आवे होंय दुखीत काया ।
शरणागत प्रभु तोरी भक्‍तन सुन दाया ।। जय (5)
आरती रामदेव जी की नर नारी गावे ।
कटे पाप जन्‍म-जन्‍म के मोंक्षां पद पावे ।। जय (6)
जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला ।
भक्‍त काज कलयुग में लीनो अवतारा, जय अजमल लाल ।। (7)



रामदेवजी महाराज री आरती


पिछम दिशा सूं म्‍हारा पीरजी पधारीया, घर अजमल अवतार लीयोंलाछा-सुगणाबाई करै हर री आरती !
हरजी भाटी चंमर ढोळेखम्‍मा खम्‍मा खम्‍मा रे कंवर अजमल रा, खम्‍मा खम्‍मा खम्‍मा रे कंवर
अजमल राविणा रे तंदुरा धणी रै नौपत बाजे, झालर रौ झणकार पड़े....लाछा-सुगणाबाई.....
धिरत मीठाई हरी रै चढ़े रे चुरमा, धुपौ री धमराळ पड़े....लाछा-सुगणाबाई.....
गंगा-जमुना बहे रे सरस्‍वती, रामदेव बाबौ स्‍नान करै....लाछा-सुगणाबाई.....
दुरांरै देसौरा बाबा आवै रे जातरूं, दरगा आगे नमन करै....लाछा-सुगणाबाई.....
छोटा-म्‍होटा टाबरिया पीरजी पुकारै, म्‍होटोड़ा तौ रामदेवजी कहवै जीयौ....लाछा-सुगणाबाई.....
हरि शरणौ में भाटी हरजी बोल्‍या, नवरे खंडौ में निशाण पड़ै....लाछा-सुगणाबाई.....
श्री रामदेव रक्षा करो, हरो संकट संताप।सुखकर्ता समरथ धणी जपुंनिरंतर जाप।।



श्री रामदेव जी की आरती


जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे ।
सतयुग में बाबा विष्‍णु बन आए, मधु-कटैभ को मार गिराये
ब्रह्मा जी को आप ऊबारो, देव श्री कहलाये ।।
जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे ।
त्रेता में बाबा राम बन आए, रावण को मार गिराये
महाबीर की आप उबारो, पुरूषोत्‍तम कहलाये ।।
जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे ।
द्वापर में बाबा कृष्‍ण बन आए, कंस को मार गिराये
सुदामा को आप उबारो, वासुदेव कहलाये ।।
जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे ।
कलयुग में बाबा रामदेव बन आए, भैरों-राकस को मार गिराये
बोहिता बनिए को आप उबारो, रामपीर कहलाये ।।
जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे ।
माता मैनादे पिता अजमाल जी, बाबा संग में डाली आये
देबो साबो पुत्र थारे, नेतली कहलाये ।।
जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे ।
श्री रामपीर की आरती, जो कोई नर गाये
जन्‍म-जन्‍म के कष्‍ट मिटे, भव सागर तर जाये ।।
जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे ।
गरू नरसिंह पाण्‍डे शरणे - ''बाबा'', प्रकाश पाण्‍डे गाये
प्रेमनगर में मन्दिर तिहारा, गढ़ सिरसा कहलाये ।।
जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे ।

(श्री रामदेव आरती के रचयिता - धर्माचार्य प्रकाश चन्‍द पाण्‍डे)