जम्मा जागरण :

जम्मा जागरण रामदेवजी की लीला का बखान करने का सबसे पुराना स्रोत हैं. पुराने समय में बाबा का यशोगान हरजी भाटी द्वारा  भजनों के माध्यम से किया जाता था. बाबा के जम्मे में रात भर भजनों की गंगा बहती हैं साथ ही गुग्गल धूप एवं अखंड ज्योत भी रात भर

प्रज्ज्वलित रहते हैं |


रामदेवरा में प्रतिमाह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मंदिर के आगे ही जम्मे का आयोजन होता हैं. जम्मे की सम्पूर्ण व्यवस्था यहाँ के स्थानीय नागरिकों  द्वारा की जाती हैं. रात 9 बजे मंदिर के पट्ट बंद होने के बाद से ही यहाँ पर जम्मा शुरू हो जाता हैं जो कि अल सुबह तक चलता हैं. जम्मे में सैकड़ों भक्त रात भर भक्ति सरिता का आनंद लेते हैं. जम्मे में नजदीकी पोकरण शहर के ही भजनगायक भक्तिरस बहा कर सम्पूर्ण वातावरण को भक्तिमय बनाते हैं. कई श्रद्धालु भी अपनी प्रभु भक्ति से प्रेरित होकर बाबा के भजनों पर नाचते झूमते हैं| रामदेवरा में प्रतिवर्ष 31 दिसंबर को नए वर्ष के आगमन की ख़ुशी में अनोपगढ़ से आये भक्तो द्वारा जम्मा आयोजित किया जाता हैं. आज भी बाबा के भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर बाबा के जम्मे का आयोजन करवाते हैं एवं जम्मे में उपस्थित सभी भक्तों की तन मन से सेवा करते है|